।। Jai Babaji ।। बनगाँव ऑनलाइन पर अपनेक स्वागत अछि ।। Welcome to Bangaon Online ।। बनगाँव ऑनलाइन पर आपका स्वागत हैं ।। Jai Babaji ।।

बुधवार, 28 मई 2014

Maha Kavi Vidyapati Geet - महाकवि विद्यापति गीत

















  1. जय जय भैरवि असुर-भयाउनि
  2. हम नहिं गौरी शिवके बिआहब
  3. हम नहिं आजु रहब एहि आँगन
  4. हम जुवती, पति गेलाह बिदेस
  5. सैसव जौवन दुहु मिलि गेल
  6. सासु जरातुरि भेली
  7. सरसिज बिनु सर सर बिनु सरसिज
  8. सजनी कान्ह कें कहब बुझाइ
  9. लोचन धाय फोघायल हरि नहिं आयल रे
  10. मानिनि आब उचित नहि मान
  11. माधव ई नहि उचित विचार
  12. बड़ सुखसार पाओल तुअ तीरे
  13. गौरा तोर अंगना
  14. नव यौवन अभिरामा
  15. धुर धुर छिया रे छिया
  16. देखु सखी दाइ माइ ठकलक बभना
  17. जौवन रतन अछल दिन चारि
  18. जोगिया मोर जगत सुखदायक
  19. जाइत देखलि पथ नागरि सजनि गे
  20. जगत विदित बैद्यनाथ
  21. जखन लेल हरि कंचुअ अछोहि
  22. चानन भेल विषम सर रे
  23. चन्दा जनि उग आजुक राति
  24. गौरी के वर देखि बड़ दुःख भेल
  25. के पतिआ लय जायत रे
  26. कुच-जुग अंकुर उतपत् भेल
  27. कुंज भवन सएँ निकसलि रे
  28. कि कहब हे सखि रातुक बात
  29. कान्ह हेरल छल मन बड़ साध
  30. कंटक माझ कुसुम परगास
  31. उचित बसए मोर मनमथ चोर
  32. आहे सखि आहे सखि लय जनि जाह
  33. आसक लता लगाओल सजनी
  34. आजु दोखिअ सखि बड़ अनमन सन
  35. अम्बर बदन झपाबह गोरि
  36. अभिनव पल्लव बइसंक देल
  37. अभिनव कोमल सुन्दर पात

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें