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बुधवार, 28 मई 2014

विद्यापति गीत - जय जय भैरवि असुर-भयाउनि

जय जय भैरवि असुर-भयाउनि
पशुपति - भामिनी माया
सहज सुमति वर दिअओं गोसाउनि
अनुगत गति तुअ पाया

वासर रैन शवासन शोभित
चरण चन्द्रमणि चूडा
कतओक दैत्य मारि मुख मेलल
कतओं उगिलि कैल कूड़ा

सामर वरन नयन अनुरंजित
जलद जोग फूल कोका
कट कट विकट ओठ फुट पाँड़रि
लिधुर फेन उठ फोका

घन घन घनन नुपुर कत बाजय
हन हन कर तुअ काता
विद्यापति कवि तुअ पद सेवक
पुत्र बिसरि जुनी माता

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