अम्बर बदन झपाबह गोरि !
राज सुनइ छिअ चांदक चोरि !१!
घरे घरे पहरु गेल अछ जोहि !
अब ही दूखन लागत तोहि !२!
कतय नुकायब चांदक चोरि !
जतहि नुकायब ततहि उजोरि !३!
हास सुधारस न कर उजोर !
बनिक धनिक धन बोलब मोर !४!
अधर समीप दसन कर जोति !
सिंदुर सीम बैसाउलि मोति !५!
भनइ विद्यापति होहु निसंक !
चांदुह कां किछु लागु कलंक !६!
राज सुनइ छिअ चांदक चोरि !१!
घरे घरे पहरु गेल अछ जोहि !
अब ही दूखन लागत तोहि !२!
कतय नुकायब चांदक चोरि !
जतहि नुकायब ततहि उजोरि !३!
हास सुधारस न कर उजोर !
बनिक धनिक धन बोलब मोर !४!
अधर समीप दसन कर जोति !
सिंदुर सीम बैसाउलि मोति !५!
भनइ विद्यापति होहु निसंक !
चांदुह कां किछु लागु कलंक !६!
हिन्दी अनुवाद चाहिए। देने का कृपा करें।
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