कुच-जुग अंकुर उतपत् भेल !
चरन-चपल गति लोचन लेल !१!
अब सब अन रह आँचर हाथ !
लाजे सखीजन न पूछय बात !२!
कि कहब माधव वयसक संधि !
हेरइत मानसिज मन रहु बंधि !३!
तइअओ काम हृदय अनुपाम !
रोपल कलस ऊँच कम ठाम !४!
सुनइत रस-कथा थापय चीत !
जइसे कुरंगिनि सुय संगीत !५!
सैसव जीवन उपजल बाद !
केओ नहि मानय जय अवसाद !६!
विद्यापति कौतुक बलिहारि !
सैसव से तनु छोडनहि पारि !७!
चरन-चपल गति लोचन लेल !१!
अब सब अन रह आँचर हाथ !
लाजे सखीजन न पूछय बात !२!
कि कहब माधव वयसक संधि !
हेरइत मानसिज मन रहु बंधि !३!
तइअओ काम हृदय अनुपाम !
रोपल कलस ऊँच कम ठाम !४!
सुनइत रस-कथा थापय चीत !
जइसे कुरंगिनि सुय संगीत !५!
सैसव जीवन उपजल बाद !
केओ नहि मानय जय अवसाद !६!
विद्यापति कौतुक बलिहारि !
सैसव से तनु छोडनहि पारि !७!
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