आहे सखि आहे सखि लय जनि जाह !
हम अति बालिक आकुल नाह !१!
गोट-गोट सखि सब गेलि बहराय !
ब केबाड पहु देलन्हि लगाय !२!
ताहि अवसर कर धयलनि कंत !
चीर सम्हारइत जिब भेल अंत !३!
नहि नहि करिअ नयन ढर नीर !
कांच कमल भमरा झिकझोर !४!
जइसे डगमग नलिनिक नीर !
तइसे डगमग धनिक सरीर !५!
भन विद्यापति सुनु कविराज !
आगि जारि पुनि आमिक लाज !६!
हम अति बालिक आकुल नाह !१!
गोट-गोट सखि सब गेलि बहराय !
ब केबाड पहु देलन्हि लगाय !२!
ताहि अवसर कर धयलनि कंत !
चीर सम्हारइत जिब भेल अंत !३!
नहि नहि करिअ नयन ढर नीर !
कांच कमल भमरा झिकझोर !४!
जइसे डगमग नलिनिक नीर !
तइसे डगमग धनिक सरीर !५!
भन विद्यापति सुनु कविराज !
आगि जारि पुनि आमिक लाज !६!
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