अभिनव कोमल सुन्दर पात !
सगर कानन पहिरल पट रात !१!
मलय-पवन डोलय बहु भांति !
अपन कुसुम रसे अपनहि माति !२!
देखि-देखि माधव मन हुलसंत !
बिरिन्दावन भेल बेकत बसंत !३!
कोकिल बोलाम साहर भार !
मदन पाओल जग नव अधिकार !४!
पाइक मधुकर कर मधु पान !
भमि-भमि जोहय मानिनि-मान !५!
दिसि-दिसि से भमि विपिन निहारि !
रास बुझावय मुदित मुरारि !६!
भनइ विद्यापति ई रस गाव !
राधा-माधव अभिनव भाव !७!
सगर कानन पहिरल पट रात !१!
मलय-पवन डोलय बहु भांति !
अपन कुसुम रसे अपनहि माति !२!
देखि-देखि माधव मन हुलसंत !
बिरिन्दावन भेल बेकत बसंत !३!
कोकिल बोलाम साहर भार !
मदन पाओल जग नव अधिकार !४!
पाइक मधुकर कर मधु पान !
भमि-भमि जोहय मानिनि-मान !५!
दिसि-दिसि से भमि विपिन निहारि !
रास बुझावय मुदित मुरारि !६!
भनइ विद्यापति ई रस गाव !
राधा-माधव अभिनव भाव !७!
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