धुर धुर छिया रे छिया !
एहन बौराहा वर संग कोना जयति धिया !१!
पञ्च मुख बिच सोभित तीन अँखिया !
सह - सह नाचै छैन साँप सखिया !२!
कांख तर झोरा सोभित धतुरा के बिया !
दिगम्बर के रूप देखि साले मयनाके हिया !३!
जौं कदापि धिया के बिष देथिन पिया !
कोह्बरे में मरती धिया के देथुन जिया !४!
भनहिं विद्यापति सुन धिया के मइया !
बैसले ठाम गौरी गुजर करइया !५!
एहन बौराहा वर संग कोना जयति धिया !१!
पञ्च मुख बिच सोभित तीन अँखिया !
सह - सह नाचै छैन साँप सखिया !२!
कांख तर झोरा सोभित धतुरा के बिया !
दिगम्बर के रूप देखि साले मयनाके हिया !३!
जौं कदापि धिया के बिष देथिन पिया !
कोह्बरे में मरती धिया के देथुन जिया !४!
भनहिं विद्यापति सुन धिया के मइया !
बैसले ठाम गौरी गुजर करइया !५!
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